बीदर (कर्नाटक)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परियोजनाओं को रोकने और उनमें देरी करने की कथित कांग्रेस संस्कृति पर रविवार को निशाना साधा और कहा कि उनकी सरकार ने इसे खत्म करने के लिए कदम उठाए हैं। वे 1,542 करोड़ रुपए की लागत से बनी 107 किलोमीटर लंबी बीदर-कलबुर्गी रेलवे लाइन का उद्घाटन करने के मौके पर बोल रहे थे। यह परियोजना 1994 में शुरू की गई थी।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस की कार्यसंस्कृति परियोजनाओं को रोकने के लिए अटकाना, लटकाना और भटकाना है। आपको भारत में ऐसी हजारों परियोजनाएं मिल जाएंगी जिन्हें राजनीतिक फायदा हासिल करने के लिए शुरू किया गया लेकिन बाद में रोक दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजनाओं को लागू करने में देरी से इनकी लागत बढ़ गई और इस आपराधिक लापरवाही के लिए पहले की सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि हम भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं। कांग्रेस असंवेदनशील हो गई है। मैं हैरान हूं कि जब गुजरात में बाढ़ आई, वहां राज्यसभा चुनाव चल रहे थे। जब लोग बाढ़ में मर रहे थे, फसलें बर्बाद हो रही थीं और किसान परेशान थे तो उनके (कांग्रेस के) सभी विधायक बेंगलुरु में मजे कर रहे थे। उसी समय आयकर विभाग ने एक मंत्री के घर पर छापा मारा और नोटों के बंडल बरामद किए।
उन्होंने कहा कि आपको हैरानी होगी कि नोटबंदी के कारण बैंकों में नोट जमा कराए गए। हमने 3 लाख फर्जी कंपनियों का पता लगाया, जो हवाला में शामिल थीं और हर कंपनी के 1,000 बैंक खाते थे। इन 3 लाख कंपनियों को बंद करने के बावजूद किसी ने भी मोदी का पुतला नहीं फूंका। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर मोदी ने कहा कि सभी राज्य सरकारें इससे संबंधित फैसलों का हिस्सा थीं और इसे लागू करना सभी दलों का सामूहिक निर्णय था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं उद्योग समुदाय को बताना चाहता हूं कि आप सुझाव दीजिए। मेरी सरकार खुले दिमाग से काम करती है। हम सभी सुधार करने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया इस कार्यक्रम में नहीं आए। बताया जाता है कि वे अंतिम क्षण में आमंत्रित किए जाने को लेकर नाखुश थे। बहरहाल, उन्होंने एक वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगी को कार्यक्रम में भेजा था। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसी वजह से कार्यक्रम से अपनी दूरी बना ली। (भाषा)