उन्होंने कहा कि दोषियों की फांसी को लटकाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि अदालत ने पवन की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, पवन ने याचिका लगाकर इस आधार पर राहत मांगी थी कि वह अपराध के समय नाबालिग था।
आशादेवी ने कहा कि सभी दोषियों को एक-एक कर फांसी पर लटका देना चाहिए, ताकि वे समझ सकें कि कानून के साथ खिलवाड़ का क्या मतलब है। उल्लेखनीय है कि 3 दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास जाना अभी शेष है। अत: इस आधार पर उन्हें कुछ समय और मिल सकता है।