दास ने कहा कि मुद्रास्फीति चालू तिमाही में बढ़ेगी, लेकिन यह दायरे में रहेगी। अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम होगी। महामारी की तीसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां कुछ प्रभावित, संपर्क से जुड़े क्षेत्रों में मांग नरम हुई है। दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से मुद्रास्फीति का जोखिम बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर बैंकों में अधिशेष नकदी की स्थिति बनी हुई है। आरबीआई ने स्वास्थ्य सेवा, संपर्क आधारित क्षेत्र के लिए हमेशा सुलभ नकदी योजना का विस्तार तीन महीने के लिए किया है। उन्होंने कहा कि ई-रूपी डिजिटल वाउचर की सीमा 10,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए तक करने और इसके विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग की अनुमति दी गई है।