उन्होंने कहा, राज्यसभा का रिकॉर्ड और वीडियो रिकॉर्ड दिखाएगा कि पूरी चर्चा नहीं हुई थी, कुछ सांसदों के माइक्रोफोन बंद थे और वोटिंग को संक्षेप में खारिज कर दिया गया था। यदि विदेश मंत्रालय किसी ऐसे मामले में सच को तोड़ता-मरोड़ता है, जहां रिकॉर्ड है, तो विदेश मंत्रालय के अन्य कथनों पर कौन विश्वास करेगा?
गौरतलब है कि किसानों के प्रदर्शन पर पॉप गायिका रिहाना सहित विदेश की मशहूर हस्तियों एवं अन्य लोगों की टिप्पणियों पर विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा था कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है। उसने यह भी कहा था कि संसद में पूरी चर्चा के बाद इन कानूनों को पारित किया गया।(भाषा)