राज्य सरकार ने लीज शर्तों के उल्लंघन का हवाला दिया था : राज्य सरकार ने लीज शर्तों के उल्लंघन का हवाला देते हुए न्यास को आवंटित 3.24 एकड़ भूखंड का पट्टा रद्द कर दिया था। सरकार का कहना है कि यह भूमि मूल रूप से एक शोध संस्थान के लिए आवंटित की गई थी, लेकिन वहां एक स्कूल चलाया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने मुझे नोटिस जारी किया होता और कारण बताए होते, तो मैं इसका जवाब दे सकता था। क्योंकि, आखिरकार, मामला कैबिनेट के पास गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने (भूमि आवंटन पर) निर्णय लिया था। ऐसा नहीं है कि मैंने कोई निर्णय लिया।
उच्च न्यायालय में राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ने बिना 'कारण बताओ नोटिस' के पट्टा रद्द करने का बचाव इस आधार पर किया था कि जनहित सर्वोपरि है। यह दलील दी गई थी कि उच्च शिक्षा (शोध) संस्थान के उद्देश्य से अधिगृहीत भूमि का उपयोग एक स्कूल चलाने के लिए किया जा रहा था। महाधिवक्ता ने विशेष जांच दल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि पट्टा रद्द करने से पहले याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया था।(भाषा)