गुजरात हाईकोर्ट ने पीएम की डिग्री के बारे में पूछने पर केजरीवाल पर जुर्माना लगाया है, जो कि उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के पास जमा करना होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि पीएमओ को प्रधानमंत्री की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने मुख्य सूचना आयोग के उस आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें पीएमओ के जनसूचना अधिकारी और गुजरात यूनिवर्सिटी के पीआईओ को पीएम मोदी के स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का विवरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चुनावी हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1978 में गुजरात यूनिवर्सिटी से स्नातक उपाधि हासिल की थी, जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने 1983 में अपनी मास्टर डिग्री हासिल की थी।
क्या कहा केजरीवाल : गुजरात हाईकोर्ट द्वारा जुर्माना लगाने के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जाएगा? ये क्या हो रहा है?