ईद की खुशियों में मोदी का तोहफा: 32 लाख मुस्लिम घरों तक पहुंचेगी सौग़ात-ए-मोदी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 26 मार्च 2025 (12:05 IST)
PM Modi eid gift : यह कोई पाखंड नहीं, बल्कि एक ऐसी खबर है जो मीडिया की सुर्खियों में छाई हुई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो सरकारी ठेकों में मुसलमानों को कथित तौर पर 4 प्रतिशत आरक्षण देने का विरोध करती रही है, इस बार ईद के मौके पर देश के 32 लाख मुस्लिम परिवारों को खास तोहफा देने जा रही है। मंगलवार, 25 मार्च को भाजपा ने अपने इस अभियान "सौग़ात-ए-मोदी" की शुरुआत कर दी है, जिसके तहत वंचित तबके के मुसलमानों को ईद मनाने के लिए जरूरी सामानों से भरी एक किट वितरित की जाएगी।
 
इस किट में महिलाओं के लिए सूट और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा का कपड़ा, दाल, चावल, सेवईं, सरसों तेल, चीनी, मेवे, खजूर जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर शुरू किया गया है और इसे भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम परिवार भी ईद की खुशियां मना सकें।
 
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि ईद के दिन, 31 मार्च को देश के 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों तक यह सौग़ात पहुंच जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी जरूरतमंद इस त्योहार से वंचित न रहे।" उन्होंने बताया कि मोर्चे के 32 हजार कार्यकर्ता देशभर की 32 हजार मस्जिदों के साथ मिलकर इस किट को वितरित करेंगे। हर मस्जिद से 100 जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
 
यह अभियान दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से शुरू हुआ, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने किट वितरण का शुभारंभ किया। इस पहल को लेकर पार्टी का कहना है कि यह "सबका साथ, सबका विकास" के नारे को साकार करने की दिशा में एक कदम है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे आगामी चुनावों से जोड़कर राजनीतिक रणनीति करार दिया है। समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने तंज कसते हुए कहा, "मुसलमानों को सौग़ात नहीं, इंसाफ चाहिए। यह किट बांटने से पहले उनके हक की बात करें।"
 
फिलहाल, इस अभियान के तहत तैयार की गई प्रत्येक किट की कीमत 500 से 600 रुपये बताई जा रही है। भाजपा का दावा है कि यह पहल न केवल गरीब मुस्लिम परिवारों को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि सामाजिक समावेश को भी बढ़ावा देगी। जैसे-जैसे ईद नजदीक आ रही है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अभियान कितना प्रभावी साबित होता है और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ता है।

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