ये रेलगाड़ियां देवघर (झारखंड) में बैद्यनाथ धाम, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में काशी विश्वनाथ मंदिर, कालीघाट, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में बेलूर मठ जैसे तीर्थ स्थलों तक आवागमन का समय कम करके क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेंगी। इससे धनबाद में कोयला और खान उद्योग, कोलकाता में जूट उद्योग, दुर्गापुर में लोहा और इस्पात से जुड़े क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।