उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान इस साल अप्रैल-मई के महीने में ऑक्सीजन की मांग में अचानक तेजी आ गई थी। इसके मद्देनजर देश के कई राज्यों में जीवन रक्षक ऑक्सीजन की कमी के मामले भी सामने आए थे। इसके बाद से सरकार की ओर से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने और उसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए प्रधानमंत्री लगातार बैठकें कर रहे हैं और भविष्य में ऑक्सीजन की कोई कमी न हो, इसके लिए कदम भी उठा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि महामारी की तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक के पैकेज को मंजूरी दी है।(भाषा)