कानूनों के बदलावों को लेकर क्या कहा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 1947 में हमने स्वाधीनता प्राप्त कर ली थी, लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता के कई अवशेष लंबे समय तक विद्यमान रहे। हाल के दौर में, उस मानसिकता को बदलने के ठोस प्रयास हमें दिखाई दे रहे हैं। ऐसे प्रयासों में इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, और इंडियन एविडेंस एक्ट के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय सर्वाधिक उल्लेखनीय है।