president droupadi murmu address to the nation on the eve of republic day : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व हमेशा से हमारी सभ्यतागत विरासत का हिस्सा रहे हैं। संविधान एक जीवंत दस्तावेज बन गया है, क्योंकि नागरिक मूल्य सहस्राब्दियों से हमारे नैतिक मूल्यों का हिस्सा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है। संविधान एक जीवंत दस्तावेज बन गया है, क्योंकि नागरिक मूल्य सहस्राब्दियों से हमारे नैतिक मूल्यों का हिस्सा रहे हैं।
संविधान भारतीय के रूप में हमारी सामूहिक पहचान को अंतिम आधार प्रदान करता है, यह हमें परिवार के रूप में एक साथ जोड़ता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि साहसिक और दूरदर्शी आर्थिक सुधार आने वाले वर्षों में इस प्रवृत्ति को बनाए रखेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि सरकार ने कल्याण की अवधारणा को नए सिरे से परिभाषित किया है, बुनियादी आवश्यकताओं को अधिकार का विषय बना दिया है। हम औपनिवेशिक मानसिकता को बदलने के लिए हाल में ठोस प्रयास देख रहे हैं।