सीमा सुरक्षा बल के एक जवान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई, क्योंकि उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम के आगे 'माननीय' या 'श्री' नहीं लगाया। बीएसएफ ने इसे प्रधानमंत्री का 'असम्मान' मानते हुए जवान को इसकी सजा दी और उसके 7 दिन का वेतन काटने का आदेश दिया। हालांकि बाद में बीएसएफ द्वारा ट्वीट किया गया कि यह आदेश वापस ले लिया गया है और जवान को सिर्फ चेतावनी दी गई है। बीएसएफ ने यह भी ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाराजगी व्यक्त की है और आदेश को तुरंत वापस लेने का आदेश दिया है।
'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी खबर के मुताबिक यह घटना 21 फरवरी को बीएसएफ के 15वीं बटालियन के मुख्यालय महतपुर, नाडिया (पश्चिम बंगाल) में हुई। जवान अपनी दैनिक गतिविधि के तहत रूटीन एक्सरसाइज जीरो परेड कर रहे थे। इसी दौरान जवान संजीव कुमार ने एक रिपोर्ट देते हुए 'मोदी कार्यक्रम' शब्द का इस्तेमाल किया। बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कमांडेंट अनूप लाल भगत इससे काफी गुस्सा हुए और उन्होंने संजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
संजीव के खिलाफ संक्षिप्त सुनवाई हुई और उन्हें बीएसएफ एक्ट की धारा 40 (व्यवस्था के प्रति पक्षपात और बल का अनुशासन) के तहत 'दोषी' पाया गया। खबर थी कि जवान के सात दिन के वेतन काटने के आदेश दे दिए गए। हालांकि बीएसएफ के आधिकारिक ट्विटर से ट्वीट किया कि आदेश को रद्द कर दिया गया है और जवान को सिर्फ चेतावनी दी गई है। बीएसएफ ने यह भी ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाराजगी व्यक्त की है और आदेश को तुरंत वापस लेने का आदेश दिया है।