जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय की मौजूदगी में इस्लामिक हेरिटेज विषय पर एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मज़हब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर पन्थ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही है। उन्होंने कहा कि इसलिए, आज सबसे ज्यादा ज़रूरत इस बत की है कि हमारे युवा एक तरफ इस्लाम के मानवीय पक्ष से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें।