नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा ज़रूरत इस बात की है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी ओर आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें। मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक राजनीतिक व्यवस्था ही नहीं बल्कि समानता, विविधता और सामंजस्य का मूल आधार है।
जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय की मौजूदगी में इस्लामिक हेरिटेज विषय पर एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मज़हब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर पन्थ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही है। उन्होंने कहा कि इसलिए, आज सबसे ज्यादा ज़रूरत इस बत की है कि हमारे युवा एक तरफ इस्लाम के मानवीय पक्ष से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हमारी यह कोशिश है कि सबकी तरक्की के लिए सबको साथ लेकर चलें। क्योंकि सारे मुल्क की तकदीर हर शहरी की तरक्की से जुड़ी है। क्योंकि मुल्क की खुशहाली से हर एक की खुशहाली वाबस्ता है। उन्होंने कहा कि हमारी विरासत और मूल्य, हमारे मज़हबों का पैगाम और उनके उसूल वह ताक़त हैं जिनके बल पर हम हिंसा और दहशतगर्दी जैसी चुनौतियों से पार पा सकते हैं।
आतंकवाद के संदर्भ में मोदी ने कहा कि इंसानियात के खिलाफ दरिंदगी का हमला करने वाले शायद यह नहीं समझते कि नुकसान उस मज़हब का होता है जिसके लिए खड़े होने का वो दावा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय के मन में आपने गौरवशाली अतीत के प्रति आदर है, वर्तमान के प्रति विश्वास है और भविष्य पर भरोसा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के मज़हब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं। यहां की आबोहवा में उन्होंने ज़िन्दगी पाई, साँस ली। चाहे वह 2500 साल पहले भगवान बुद्ध हों या पिछली शताब्दी में महात्मा गांधी। अमन और मुहब्बत के पैग़ाम की ख़ुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है।
उन्होंने कहा कि हर भारतीय को गर्व है अपनी विविधता की विशेषता पर। अपनी विरासत की विविधता पर, और विविधता की विरासत पर। चाहे वह कोई ज़ुबान बोलता हो। चाहे वह मंदिर में दिया जलाता हो या मस्जिद में सज़दा करता हो, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद गाये।
मोदी ने कहा कि यहाँ से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिलीजुली परम्परा ने मानवमात्र की मूलभूत एकता का पैगाम दिया है। मानवमात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का दर्शन दिया है।भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है।
मोदी ने कहा कि आपका वतन और हमारा दोस्त देश जॉर्डन इतिहास की किताबों और धर्म के ग्रंथों में एक अमिट नाम है। जॉर्डन एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है जहां से ख़ुदा का पैग़ाम पैगम्बरों और संतों की आवाज़ बनकर दुनिया भर में गूंजा है। (भाषा)