नई दिल्ली। रेलवे ने निजी संचालकों के लिए प्रदर्शन के प्रमुख संकेतकों को लेकर एक मसौदा जारी किया है, जिसके अनुसार अगर उनके द्वारा संचालित रेलगाड़ियां विलंब से चलती हैं अथवा गंतव्य पर समय पूर्व पहुंचती हैं तो उन्हें भारी जुर्माना देना होगा।
यदि कोई निजी रेलगाड़ी कम से कम 10 मिनट पहले गंतव्य पर पहुंचती है, तो संचालक को रेलवे को जुर्माने के तौर पर 10 किलोमीटर का ढुलाई शुल्क देना होगा। अधिकारियों ने कहा कि ये कदम इसलिए है ताकि निजी रेलगाड़ियां समय का पालन करें।
इसमें यह भी कहा गया है कि संचालक की तरफ से रेल सेवा रद्द करने की हालत में वह हर्जाने के तौर पर उस रेलगाड़ी के लिए रेलवे को एक चौथाई ढुलाई शुल्क देगा। वहीं, यदि रेलवे की तरफ से रेल सेवा रद्द की जाती है तो रेलवे संचालक को उतना ही शुल्क देगा।
यदि खराब मौसम, मवेशी का रेलगाड़ी के नीचे आ जाना, किसी मनुष्य का रेलगाड़ी के नीचे आ जाना, कानून व्यवस्था, सार्वजनिक प्रदर्शन, आपराधिक गतिविधि, दुर्घटना जैसे कारणों से किसी रेलगाड़ी की समय की पाबंदी प्रभावित होती है तो किसी को भी हर्जाना नहीं देना होगा। (भाषा)