नई दिल्ली। केंद्र ने फ्रांस से 36 विमानों की खरीद को सही ठहराते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 1999 में कारगिल की लड़ाई में यदि राफेल लड़ाकू जेट विमानों का इस्तेमाल किया गया होता तो हताहतों की संख्या कम होती। सरकार के इस तर्क को चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने सिरे से खारिज कर दिया।
अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ से कहा, 'सैनिकों ने कारगिल की लड़ाई में अपनी जान गंवाई। यदि उस लड़ाई में राफेल का इस्तेमाल किया गया होता तो वह 60 किलोमीटर दूर से ही पहाड़ी की चोटियों को निशाना बनाता।'
उन्होंने कहा कि 36 राफेल जेट विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता करते समय सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया तथा सभी निर्णयों पर रक्षा खरीद परिषद ने मंजूरी दी।
राफेल सौदे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पूरी करते हुए अटार्नी जनरल ने कहा, 'यह एक संवेदनशील क्षेत्र और देश की जरुरत है। यहां तक कि वायुसेना प्रमुख भी विमानों के घटते बेड़े को ध्यान में रखकर वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए हमें लिख रहे हैं।'
इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'श्रीमान अटार्नी, कारगिल 1999-2000 में हुआ था। राफेल 2014 में आया।' इस पर वेणुगोपाल ने हंसते हुए कहा कि मेरा मतलब काल्पनिक स्थिति से था, यानी यदि राफेल कारगिल युद्ध के दौरान होता।'