कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिन्दू धर्म से बाहर, शंकराचार्य ने क्यों किया ऐसा ऐलान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 6 मई 2025 (12:44 IST)
Rahul Gandhi expelled from Hinduism: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को हिन्दू धर्म से बाहर करने की घोषणा की है। शंकराचार्य ने यह भी कहा कि अब इनकी कोई पूजा नहीं कराई जाए। खास बात यह है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को कांग्रेस का समर्थक और मोदी सरकार का आलोचक माना जाता है। ऐसे में यह घोषणा काफी चौंकाने वाली मानी जा रही है। 
 
राहुल से क्यों नाराज हैं शंकराचार्य : दरअसल, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद राहुल गांधी की मनुस्मृति पर की टिप्पणी से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति जब हिंदू धर्मग्रंथों का लगातार अपमान करता है और सफाई देने से भी बचता है तो उसे हिंदू धर्म में रहने का कोई अधिकार नहीं है। स्वामी जी कहा कि जो व्यक्ति मनुस्मृति को अपना ग्रंथ नहीं मानता, वह हिंदू नहीं हो सकता। 
 
शंकराचार्य ने कहा कि संसद में मनुस्मृति पर दिए गए बयान को लेकर राहुल गांधी से अपना रुख साफ करने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने काफी समय बाद भी इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया। अत: मैं राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की सार्वजनिक रूप से घोषणा करता हूं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सनातन धर्म और धर्म ग्रंथों के बारे में अपशब्द कहने का किसी को भी अधिकार नहीं है। स्वामीजी ने कहा कि जिस संविधान के बारे में राहुल गांधी बात करते हैं इसी संविधान में किसी भी धर्म को चोट नहीं पहुंचाने की बात कही गई है। 
क्या कहा था राहुल गांधी ने : राहुल गांधी ने हाथरस गैंगरेप की घटना का उल्लेख करते हुए लोकसभा में मनुस्मृति पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था- मैं कुछ दिन पहले हाथरस गया था। हाथरस में 4 साल पहले एक लड़की के साथ गैंगरेप होता है। तीन-चार लोग गैंगरेप करते हैं। जिन्होंने गैंगरेप किया वे बाहर घूम रहे हैं, जबकि पीड़ित लड़की का परिवार घर में बंद है। अपराधी उन्हें रोज धमकाते हैं। परिवार ने कहा कि उन्हें बेटी का अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया। राहुल ने कहा- यह संविधान में कहां लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वो बाहर रहें और जिसका रेप हुआ है उस परिवार को बंद कर दिया जाए। यह आपकी किताब में लिखा है, मनुस्मृति में लिखा है किन्तु संविधान में नहीं लिखा है। 
दरअसल, राहुल गांधी के इस बयान पर तीन महीने पहले स्पष्टीकरण मांगा गया था। प्रयागराज धर्मसंसद के दौरान भी राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था और उनसे जवाब मांगा गया था। लेकिन, राहुल गांधी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया और इस संबंध में कोई पश्चाताप भी नहीं किया। सनातन विरोधी मानसिकता के चलते उन्हें हिन्दू मानने का कोई आधार ही नहीं बचा। यही कारण है कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वानंद ने उन्हें हिन्दू धर्म से बाहर होने की घोषणा की है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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