नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन संकट से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार चल रहे उतार-चढ़ाव बावजूद घरेलू स्तर पर आज लगातार 120वें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर रहे। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल रूस यूक्रेन संकट के बाद ही शुरू हो गया था। जो 110 बैरल प्रति डॉलर की कीमत को पार कर चुका है। माना जा रहा है कि 5 राज्यों में चुनावों के कारण सरकार डीजल-पेट्रोल के दामों में वृद्धि नहीं कर रही है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बीते 2 महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ने से सरकारी स्वामित्व वाले खुदरा तेल विक्रेताओं को लागत वसूली के लिए 16 मार्च 2022 या उससे पहले ईंधन के दामों में 12.1 प्रति लीटर की वृद्धि करनी होगी।
तेल कंपनियों के मार्जिन को भी जोड़ लें तो 15.1 रुपए प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि की आवश्यकता है। पेट्रोल और डीजल के दाम 16 मार्च तक 12 रुपए प्रति लीटर से भी अधिक बढ़ाई जा सकती है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसकी सख्त आवश्यकता भी है। उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के कारण बीते चार महीने से ईंधन के दाम नहीं बढ़े हैं।
गांधी ने ट्वीट किया कि फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए। मोदी सरकार का चुनावी ऑफर ख़त्म होने जा रहा है। कांग्रेस लगातार सरकार पर हमला कर रही है कि उसने चुनाव में लोगों को भ्रमित करने के लिए तेल की कीमत घटाई थी और अब चुनाव खत्म हो रहे हैं, इसलिए पेट्रोल डीजल तथा रसोई के दाम बढ़ना शुरू हो गए हैं।