हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने विधानसभा में कहा था कि राज्य सरकार सभी 7 कैदियों की रिहाई के लिए प्रतिबद्ध है। पलानीस्वामी ने कहा कि उच्चतम न्यायलय के फैसले के आधार पर मंत्रिमंडल ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत उनकी रिहाई की सिफारिश करने वाला एक प्रस्ताव राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले पर फैसला अब राज्यपाल को करना है। गांधी की हत्या के सातों सजायाफ्ता कैदी वी. श्रीहरन, टी. सुतानतीराराजा, एजी पेरारीवालन, जयाकुमार, रॉबर्ट पयास और नलिनी आदि पिछले 28 वर्षों से जेल में हैं और उनकी रिहाई के लिए कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। इसके अलावा राज्यपाल पर इस मामले में जल्द फैसला लेने का दबाव डालने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया गया है।
राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले वर्ष सितंबर में संविधान की धारा 161 के तहत राज्यपाल को सभी 7 कैदियों को रिहा करने का प्रस्ताव भेजा था। सर्वोच्च अदालत के फैसले के अनुसार इस मामले पर फैसला राज्यपाल को लेना है, जो गत वर्ष सितंबर से उनके पास लंबित पड़ा है। राजभवन ने हालांकि इस पर पिछले वर्ष 15 सितंबर को कहा था कि राज्यपाल संविधान के तहत सही फैसला लेंगे।