नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अपमान पर बुधवार को संसद में जमकर घमासान हुआ। राज्यसभा में सभापति धनखड़ ने इस पर विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए। इस बीच उनकी जाति भी मुद्दा बन गई। दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस मामले को जाति का रंग दिया जा रहा है।
11 बजकर 45 मिनट पर सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने सुरक्षा चूक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में कुछ सांसदों की ओर से अशोभनीय आचरण किए जाने की ओर से इशारा करते हुए कहा कि सिंह को इस बात का अंदाजा भी नहीं है कि उन्हें कितनी पीड़ा हुई है।
उन्होंने कहा कि आपकी चुप्पी मेरी कानों में गूंज रही है... नेता प्रतिपक्ष की चुप्पी मेरी कानों में गूंज रही है... सबको पता है क्या हो रहा है। आपको अंदाजा होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति वीडियोग्राफी कर आनंद लेता है... हरकतें करता हैं... ये संस्कार हैं क्या आपके। यहां तक स्तर आ गया क्या?' इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए।
धनखड़ ने कहा, 'दिग्विजय सिंह जी, मेरी बात सुन लीजिए। जगदीप धनखड़ की कितनी बेइज्जती करो, मुझे कोई चिंता नहीं है। भारत के उपराष्ट्रपति की, मेरे समाज की, मेरे वर्ग की... नहीं... मैं पूरी आहुति दे दूंगा हवन में।'
उन्होंने कहा कि मैं खुद की परवाह नहीं करता। मेरी बेइज्जती कोई करता है तो मैं सहन करता हूं। खून के घूंट पीता हूं। पर मैं यह बर्दाश्त कभी नहीं करूंगा कि मेरे पद की गरिमा को मैं सुरक्षित नहीं रख पाया। इस सदन की गरिमा को सुरक्षित रखना मेरा काम है। इस पद की गरिमा बनाए रखना मेरा काम है।
सभापति ने सिंह से कहा कि वह अंदाजा नहीं लगा सकते कि क्या हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं आपकी सुनता यदि आप एक फोन उठाते और मेरे से कहते... अपने बीच दशकों तक फोन से वार्तालाप होता रहा है। इतनी बड़ी घटना हो गई... पद की गरिमा गिर गई... मेरे समाज को बेइज्जत कर दिया, मेरी जाति को बेइज्जत कर दिया और आप चुप रहे... आपके अध्यक्ष चुप रहे। इसके बाद सभापति ने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, दूसरी बार के स्थगन के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य तिरूचि शिवा ने कुछ बेबुनियाद आरोपों का उल्लेख किया और आसन से कहा कि इसे प्रमाणित किया जाना चाहिए।
सभापति जगदीप धनखड़ ने शिवा से कहा कि यदि वे बेबुनियाद आरोपों को लेकर इतने ही सजग हैं तो उन्हें आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है।
सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से आग्रह किया कि बतौर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष वह विपक्षी सदस्यों को इस प्रकार का आचरण करने से रोकें। इसी समय विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया।
खरगे अपनी सीट पर खड़े होकर कुछ कहना चाह रहे थे लेकिन सभापति ने कार्यवाही 11.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि वह सदन में व्यवस्था बनाएंगे।
इससे पहले, पहली बार के स्थगन के बाद 11.15 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया। सभापति धनखड़ अपनी सीट पर बैठे भी नहीं और उन्होंने कार्यवाही 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सभापति के आरोपों पर क्या बोले खरगे : सभापति के आरोपों पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति द्वारा जाति की बात कहकर मामले को जाति का रंग दिया जा रहा है। ऐसे तो मैं भी दलित जाति से हूं। मेरी जाति को लेकर हमेशा हमले किए जाते हैं। मुझे सदन में बोलने नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जो भी हुआ है सदन के बाहर हुआ है।