पारित किए गए प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि यह विधानसभा भारत सरकार से आग्रह करती है कि वह 5 अगस्त 2019 को हटाए गए इस विशेष दर्जे की बहाली के लिए प्रदेश के चुने हुए प्रतिनिधियों से बातचीत करे। हालांकि इस प्रस्ताव के अंतिम पैराग्राफ में यह जरूर कहा गया है कि इस विशेष दर्जे की बहाली के दौरान राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आंकाक्षाओं का भी ख्याल रखा जाए।
शामलाल शर्मा सदन के वेल में टेबल पर चढ़ गए : भाजपा नेता शामलाल शर्मा सदन के वेल में टेबल पर चढ़ गए और कहा कि यह 1947 से जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं और भावनाओं के साथ खेलने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की चाल है। शामलाल शर्मा ने कहा कि कल आप कुछ और भाषा बोल रहे थे। अनुच्छेद 370 अंतिम है, यह राजनीतिक नौटंकी नहीं चलेगी। शेख अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक जम्मू-कश्मीर को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करना आम बात रही है। स्पीकर को स्वतंत्र होना चाहिए और किसी भी पार्टी का पक्ष नहीं लेना चाहिए।
जय-जय श्रीराम का नारा लगा : जबकि भाजपा नेताओं ने 'शर्म करो, शर्म करो' के नारे लगाए। सदन के वेल में रहकर भाजपा विधायकों ने नारे लगाए, जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है, देशद्रोही एजेंडा नहीं चलेगा, 5 अगस्त जिंदाबाद, राष्ट्रविरोधी एजेंडा नहीं चलेगा, भारतमाता की जय-जय श्रीराम।