फिलहाल मंत्रालय तीन तरीकों से अपनी संपत्तियों का मौद्रीकरण करता है। इनमें एक टोल-परिचालन-स्थानांतरण (टीओटी) मॉडल है। इसके अलावा मंत्रालय अवसंरचना निवेश न्यास (इनविट) और परियोजना आधारित वित्त पोषण के जरिए अपनी संपत्तियों से धन जुटाता है। इसके पीछे मकसद यह होता है कि सभी श्रेणी के निवेशक राजमार्ग और संबद्ध परिसंपत्तियों में निवेश कर सकें।
इनविट म्यूचुअल फंड की तर्ज पर एक ऐसा माध्यम है जिसे निवेशकों से धन जुटाने और संपत्ति में निवेश के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें समय के साथ नकदी प्रवाह मिलता है। इसका अधिक ब्योरा देते हुए अधिकारी ने कहा 2023-24 में 15000 करोड़ रुपए द्रुत गति के गलियारों के परियोजना आधारित वित्तपोषण से जुटाए जाएंगे। वहीं 10000 करोड़ रुपए इनविट से जुटाने की योजना है।
उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रालय की 2023-24 में टीओटी के माध्यम से 10000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है। अधिकारी के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 28 फरवरी, 2023 तक मंत्रालय अपनी परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से 67997 करोड़ रुपए जुटा चुका है।
उन्होंने कहा कि टीओटी के माध्यम से अब तक 1614 किलोमीटर के मौद्रीकरण से 26366 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। इसमें से 3144 करोड़ रुपए वित्त वर्ष 2022-23 में फरवरी, 2023 तक जुटाए गए हैं। उन्होंने बताया कि चरण एक और दो में 635 किलोमीटर के साथ इनविट के जरिए अब तक 10200 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं।
इसमें से 2850 करोड़ रुपए वित्त वर्ष 2022-23 में 28 फरवरी, 2023 तक जुटाए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के परियोजना आधारित वित्त पोषण से अब तक 31,321 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। इसमें से पिछले वित्त वर्ष में फरवरी तक 7584 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)