कश्मीर के संभागीय आयुक्त की वेबसाइट पर अपलोड की गई नई सूची के मुताबिक, लाभ हासिल करने वालों में एक पूर्व नौकरशाह और उनकी पत्नी भी शामिल हैं, जिन्होंने योजना के तहत अपने आवासीय स्थल को वैधानिक बनाया, जबकि दर्जनों अन्य व्यवसायियों ने अपने व्यावसायिक भवनों का मालिकाना हक प्राप्त किया।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के 9 अक्टूबर के निर्देश के मुताबिक संभागीय प्रशासन की तरफ से जारी लाभार्थियों की यह दूसरी सूची है। उच्च न्यायालय ने रोशनी कानून को अवैध, असंवैधानिक और अव्यावहारिक करार दिया और इस कानून के तहत जमीन के आवंटन पर सीबीआई जांच का आदेश दिया।