उन्होंने निचले सदन में भारत-चीन संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और गलवान घाटी की झड़प के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि भारत और चीन के संबंध 2020 से असामान्य रहे, जब चीन की कार्रवाइयों की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बाधित हुई।
जयशंकर ने कहा कि सतत कूटनीतिक साझेदारी को दर्शाने वाले हालिया घटनाक्रम ने भारत-चीन संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में बढ़ाया है। हम चीन के साथ इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सीमा मुद्दे पर समाधान के लिए निष्पक्ष और परस्पर स्वीकार्य रूपरेखा पर पहुंचें। उनके मुताबिक, तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए गए ताकि शांति बहाल की जा सके।