संयुक्त राष्ट्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सितंबर के अंत में यहां प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र (UN) महासभा सत्र के दौरान वार्षिक आम बहस में वक्तव्य नहीं देंगे। उनके जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर के बहस में वक्तव्य देने की संभावना है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी वक्ताओं की संशोधित अनंतिम सूची से यह बात सामने आई है।
प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क की यात्रा करने वाले हैं। उनके 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड में 16,000 सीट वाले नासाउ वेटरंस मेमोरियल कोलेजियम में एक भव्य सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करने की योजना है। वह संयुक्त राष्ट्र के ऐतिहासिक 'भविष्य का शिखर सम्मेलन : बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान' को भी संबोधित करेंगे, जो 22-23 सितंबर को विश्व निकाय के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा।
महासभा के 79वें सत्र की आम बहस के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से जुलाई में जारी वक्ताओं की एक अनंतिम सूची में कहा गया था कि मोदी 26 सितंबर को उच्च स्तरीय बहस में वक्तव्य देंगे। हालांकि शुक्रवार को जारी एक संशोधित अनंतिम सूची के मुताबिक मोदी की जगह अब विदेश मंत्री जयशंकर के 28 सितंबर को प्रस्तावित आम बहस में वक्तव्य देने की संभावना है।
सूची के साथ महासभा एवं सम्मेलन प्रबंधन के अवर महासचिव मूव्स एबेलियन के हस्ताक्षर वाला एक नोट जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि वक्ताओं की संशोधित सूची 'प्रतिनिधित्व के स्तर ('अपग्रेड' और 'डाउनग्रेड') में बदलाव को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है और सदस्य देशों के बीच आदान-प्रदान को दर्शाती है। संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र की आम बहस इस साल 24 से 30 सितंबर तक आयोजित की जाएगी।
परंपरागत रूप से बहस में पहला वक्ता ब्राजील 24 सितंबर को उच्च स्तरीय सत्र की शुरुआत करेगा। दूसरा वक्ता अमेरिका होगा जिसके मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन संयुक्त राष्ट्र के मंच से सदस्य देशों के नेताओं को अपने कार्यकाल का आखिरी संबोधन देंगे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस आम बहस की शुरुआत से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे जिसके बाद महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष का संबोधन होगा।
इस सत्र से पहले गुतारेस 22-23 सिंतबर तक 'भविष्य का शिखर सम्मेलन : बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान' का आयोजन करेंगे। इस शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेता भविष्य के लिए संधि को अपनाने के वास्ते संयुक्त राष्ट्र में एकत्र होंगे जिसमें पूरक अंश के रूप में एक वैश्विक डिजिटल अनुबंध और भविष्य की पीढ़ियों पर एक घोषणा शामिल होगी।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि शिखर सम्मेलन एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम है, जो विश्व नेताओं को इस बात पर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए साथ लाता है कि हम वर्तमान को कैसे बेहतर बनाएं और भविष्य की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें। इसके अलावा लॉन्ग आइलैंड में प्रस्तावित सामुदायिक कार्यक्रम में 24,000 से अधिक प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लेने की इच्छा जताई है जिसे मोदी संबोधित करेंगे।
इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ यूएसए (आईएसीयू) ने एक बयान में कहा कि 'मोदी एंड यूएस प्रोग्रेस टुगेदर' कार्यक्रम के लिए पंजीकरण पूरे अमेरिका से 590 सामुदायिक संगठनों के माध्यम से किए गए हैं जिनमें से सभी ने 'वेलकम पार्टनर' के रूप में हस्ताक्षर किए हैं।(भाषा)