बेंगलुरु। देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक इंफोसिस के नवनियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख को 18.6 करोड़ रुपए तक का वार्षिक वेतन प्राप्त होगा। इसमें उनके वेतन का वैरिएबल (परिवर्तनीय) हिस्सा भी शामिल है। यह वेतन नए वित्त वर्ष से दिया जाएगा।
इंफोसिस द्वारा शेयरधारकों के लिए जारी डाक मतपत्र के अनुसार वर्ष 2018 के शुरुआती तीन महीनों के लिए पारेख को 2.37 करोड़ रुपए का ‘आरंभिक परिवर्तनीय वेतन’ दिया जाएगा। यह उनके तय वेतन एवं अन्य लाभों से अलग होगा। इंफोसिस ने पारेख की नियुक्ति के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है। पारेख ने दो जनवरी से अपना कार्यकाल संभाल लिया है जो पांच वर्ष का है।
इस पत्र को 22 जनवरी से 20 फरवरी के बीच मतदान के लिए रखा जाएगा। इसमें यूबी प्रवीण राव के पद का पुन:निर्धारण कर इसे मुख्य परिचालन अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक करने की भी अनुमति मांगी गई है। इसका परिणाम 24 फरवरी को घोषित किया जाएगा।
कंपनी का पारेख को 6.5 करोड़ रुपए (तयशुदा वेतन) और 9.75 करोड़ रुपए के वार्षिक वैरिएबल भुगतान का अधिकतम 125% (जो 12.18 करोड़ रुपए तक होगा) देने का प्रस्ताव है, लेकिन यह कुछ निश्चित लक्ष्यों को प्राप्त करने पर प्रदान किया जाएगा।
इसके अलावा पारेख को 3.25 करोड़ रुपए के प्रतिबंधयुक्त शेयर भी दिए जाएंगे। साथ ही उन्हें कार्य प्रदर्शन के आधार पर 13 करोड़ रुपए के शेयर अनुदान के तौर पर मिलेंगे। उन्हें 9.75 करोड़ रुपए का एकबारगी शेयर अनुदान भी दिया जाएगा।
पारेख शेयर के रूप में दिए जाने वाले अपने पारितोषिक का लाभ पांच साल के कार्यकाल में समय-समय पर उठा सकेंगे। पिछले साल अगस्त में कंपनी के सीईओ का पद छोड़ने वाले विशाल सिक्का को 2016-17 के लिए कुल 45.11 करोड़ रुपए का वेतन दिया गया। इसमें बोनस और शेयर अनुदान की राशि शामिल थी।
इंफोसिस की प्रतिद्वंदी कंपनी विप्रो के सीईओ अब्दाली नीमचवाला को 2016-17 में 20.9 लाख डॉलर (13.2 करोड़ रुपए) का वेतन दिया गया। वहीं इसी अवधि में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के सीईओ राजेश गोपीनाथन को 6.22 करोड़ रुपए वेतन प्राप्त हुआ।
इंफोसिस के संस्थापकों ने पिछले साल शीर्ष अधिकारियों के वेतन में अभूतपूर्व वृद्धि और नौकरी छोड़कर जाने पर भारी-भरकम पैकेज देने पर चिंता व्यक्त की थी। अगस्त में सिक्का और निदेशक मंडल के चेयरमैन आर. शेषशई के इस्तीफा देने के बाद कंपनी के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कंपनी के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाली और दिसंबर में पारेख को सीईओ और प्रबंध निदेशक पद के लिए चुना गया। पारेख कैपजेमिनी में काम कर चुके हैं।
पारेख के अनुबंध में न्यूनतम प्रदर्शन लक्ष्य को पाने में असफल रहने की स्थिति में उन्हें कितना भुगतान किया जाएगा, इसका भी प्रावधान किया गया है। उनके रोजगार अनुबंध में गैर-प्रतिस्पर्धा का प्रावधान भी है, जिसके तहत वह यहां से छोड़कर छह महीने तक किसी प्रतिद्वंदी कंपनी में नहीं जा सकते हैं। (भाषा)