Supreme Court on Mahua Moitras petition: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सदस्यता रद्द करने के मामले में बुधवार को लोकसभा महासचिव को नोटिस जारी किया है। हालांकि शीर्ष अदालत से महुआ को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है।
पिछले दिनों कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। पश्मिब बंगाल की कृष्णानगर सीट से सांसद चुनी गईं महुआ ने सदस्यता रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि जस्टिस खन्ना ने सदस्यता रद्द करने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इस मामले में महुआ का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी रख रहे हैं।
हालांकि शीर्ष अदालत ने निष्कासन संबंधी आदेश पर रोक लगाने और फरवरी में सुनवाई करने की अभिषेक मनु सिंघवी की दोनों अपील ठुकरा दी। अब इस मामले की सुनवाई मार्च में होगी।
क्या है पूरा मामला? : इस मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। दुबे ने महुआ के पूर्व मित्र जय अनंत देहाद्रई की शिकायत के पर रियल स्टेट कारोबारी हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था और गंभीर विशेषाधिकार के उल्लंघन और सदन की अवमानना का मामला बताया था। भाजपा सांसद दुबे की शिकायत के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कमेटी का गठन किया था।
क्या कहा था लोकसभा अध्यक्ष ने? : संसदीय समिति की रिपोर्ट में महुआ के खिलाफ आरोपों को गंभीर बताया गया था। साथ ही इसमें सदस्यता रद्द करने की सिफारिश भी की गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। अत: उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।