नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड कंपनियों से कहा कि वह अपनी सभी योजनाओं को पांच श्रेणियों में ही विभाजित करें। इससे एक ही तरह की कई योजनाओं को एक ही श्रेणी में लाने में मदद मिलेगी।
सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि योजनाओं को मुख्य तौर पर पांच तरह की श्रेणियों (इक्विटी, ऋण, हाइब्रिड, समाधानोन्मुखी और अन्य योजनाएं) के तहत रखना होगा।
सेबी ने म्यूचुअल फंड कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि नए नियमों के तहत उनके द्वारा पेश की जाने वाली एक ही श्रेणी की योजनाओं में दोहराव ना हो।
सेबी के नए नियमों के अनुसार हर श्रेणी के तहत केवल एक ही योजना को पेश करने की अनुमति होगी। इसमें इंडेक्स फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड समेत कुछ विशेष तरह की योजनाओं को ही छूट प्राप्त होगी।
म्यूचुअल फंड कंपनियों को इन नयी श्रेणियों के अनुरुप अपनी योजनाओं का आकलन कर सेबी के पास प्रस्ताव जमा करना होगा। इससे पहले उन्हें जल्द से जल्द लेकिन दो महीने के भीतर में इन प्रस्तावों पर अपने न्यासियों से अनुमति इत्यादि लेनी होगी।
सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों को सभी आवश्यक बदलाव अधिकतम तीन महीने की अवधि में कर लेने होंगे।
सेबी ने कहा कि इस समय एक ही म्यूचुअल फंड कंपनी एक जैसी कई योजनाओं को पेश करते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि किसी म्यूचुअल फंड द्वारा पेश की जाने वाली योजना में परिसंपत्ति आवंटन और निवेश रणनीति के रुप में स्पष्ट अलगाव हो। इससे योजनाओं में एकरुपता आएगी और दोहराव से बचा जा सकेगा। (भाषा)