नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग के कार्यालय के बाहर धरने के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने लगातार दूसरे दिन भी मंदिर मार्ग पुलिस थाने में अपना प्रदर्शन जारी रखा।
धरने के दूसरे दिन तृणमूल कांग्रेस नेताओं से मिलने आप नेता सौरभ भारद्वाज और दिलिप पांडे भी पहुंचे। उन्होंने भी TMC नेताओं की मांग का समर्थन करते हुए धरना दिया।
भारदवाज ने कहा कि देश में आचार संहिता लगी है। सारा सरकारी तंत्र चुनाव आयोग के अधीन आना चाहिए। लेकिन विपक्षी दलों पर ED, CBI और NIA के छापे डाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार चाहती है कि विपक्ष को चुप करा दिया जाए और जो बोले उसे जेल में बंद कर दिया जाए। ये पूरी तरह से तानाशाही है।
टीएमसी नेताओं ने बाद में घोषणा की कि वे निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर 24 घंटे के धरने पर बैठे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास और टीएमसी की पश्चिम बंगाल छात्र इकाई के उपाध्यक्ष सुदीप राहा शामिल थे।
बाद में नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया और वहां से बलपूर्वक हटा दिया। पुलिस ने कहा कि उसने टीएमसी नेताओं को सोमवार रात रिहा कर दिया। हालांकि, नेता रातभर थाने में ही डटे रहे और अपना धरना जारी रखा।
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी आरोप लगाती रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इशारे पर लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं।