उन्होंने कहा कि हम आरोप पत्र और दस्तावेजों की मांग करेंगे जिस पर अभियोजन का मामला टिका है। उन्हें देखने के बाद हम आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे। थरूर कानून के तहत उपलब्ध सभी उपायों का इस्तेमाल करेंगे। पाहवा ने कहा कि कोई मामला नहीं बनता है और अभियोजन का मामला बेतुका तथा विसंगतिपूर्ण है और यह उच्चतम न्यायालय के विभिन्न फैसलों का विरोधाभासी भी है। हम इससे निपटने के लिए उचित कदम उठाएंगे। (भाषा)