चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (shiromani akali dal) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 3 कृषि विधेयकों के साथ जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक को दी गई मंजूरी को रविवार को ‘दुखद, निराशाजनक और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया।
बादल ने कहा कि पार्टी जल्द ही आपसी मंत्रणा के बाद अपने अगले रुख का खुलासा करेगी। राष्ट्रपति कोविंद ने आज तीनों कृषि विधेयकों को मंजूरी दी, जिनके चलते इस समय एक राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ है और खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी। ये विधेयक हैं- 1) किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, 2) किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और 3) आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020।
राष्ट्रपति कोविंद ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, 2020 को भी आज मंजूरी दी। इसमें जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं की सूची में उर्दू और अंग्रेजी के अतिरिक्त कश्मीरी, डोगरी और हिंदी को शामिल किया गया है। हाल में मानसून सत्र के दौरान संसद ने विधेयक को पारित किया था।
उन्होंने कृषि विधेयकों को किसानों, खेत मजदूरों और आढ़तियों के खिलाफ बताया और सभी राजनीतिक दलों से इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसानों के संपूर्ण हित में हम हर संघर्ष के लिए तैयार हैं।