नई दिल्ली। विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने तकनीकी खामी की कई घटनाओं के मद्देनजर स्पाइसजेट पर सख्ती दिखाई है। DGCA ने स्पाइसजेट की आधी उड़ानों पर रोक लगा दी है। सिर्फ आधी यानी 50 प्रतिशत उड़ानों को ही अनुमति मिली है।
DGCA ने 8 हफ्तों तक स्वीकृत उड़ानों में से अधिकतम 50 फीसदी के संचालन करने का आदेश दिया। पिछले महीने की 19 तारीख से स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी आने की कम से कम 8 घटनाओं को लेकर डीजीसीए ने एयरलाइन को 6 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
विमानन नियामक ने अपने आदेश में कहा कि विभिन्न स्थलों की जांच, निरीक्षण और स्पाइसजेट की ओर से जमा कराए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 प्रतिशत पर सीमित की जाती है।
48 विमानों की हुई थी जांच : नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को बताया था कि DGCA ने 9 से 13 जुलाई के बीच 48 स्पाइसजेट विमानों की 53 मौकों पर जांच की, लेकिन कोई बड़ा सुरक्षा उल्लंघन नहीं पाया गया।
सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि एक सुरक्षा उपाय के रूप में, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पाइसजेट को आदेश दिया कि वह चिन्हित किए गए कुछ (10) विमानों का उपयोग नियामक की ओर से यह पुष्टि किए जाने के बाद ही करे कि सभी खामियों को ठीक कर लिया गया है।
स्पाइसजेट के विमानों में 19 जून से 18 दिनों की अवधि के दौरान तकनीकी खराबी के कम से कम आठ मामले आए। इसके बाद डीजीसीए ने 6 जुलाई को एयरलाइन को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और रखरखाव की अपर्याप्तकार्रवाई के कारण सुरक्षा मानकों में गिरावट आई है।