यूपी और उत्तराखंड सरकार को झटका, कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 22 जुलाई 2024 (13:41 IST)
Supreme Court bans writing names of Shopkeepers: कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालय मालिकों को बोर्ड पर अपने नाम लिखने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को नाम बताने की जरूरत नहीं है। उन्हें यह जरूर बताना होगा कि भोजन शाकाहारी है या फिर मांसाहारी है। इस मामले में शीर्ष अदालत अगली सुनवाई 26 जुलाई को करेगी। 
 
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया और उनसे निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने को कहा। पीठ ने मामले पर आगे की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा की ओर से पेश अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या यूपी और उत्तराखंड ने भोजनालय मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में कोई औपचारिक आदेश पारित किया है। ALSO READ: कांवड़ यात्रा पर कलह, यूपी और उत्तराखंड सरकार के आदेश पर बवाल

क्या कहा सिंघवी ने : इस पर सिंघवी ने कहा कि भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए ‘परोक्ष’ आदेश पारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड का आदेश ‘पहचान के आधार पर बहिष्कार’ है और यह संविधान के खिलाफ हैं। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अदालत में कोई पेश नहीं हुआ। ALSO READ: Kanwar Yatra 2024 : कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से, 5 करोड़ से अधिक कांवड़ियों के शामिल होने की उम्मीद, जानिए इस बार क्या होगा खास
 
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों के निर्देश को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, सांसद एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। मोइत्रा ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसे निर्देश समुदायों के बीच विवाद को बढ़ावा देते हैं।
 
इसमें आरोप लगाया गया है कि संबंधित आदेश मुस्लिम दुकान मालिकों और कारीगरों के आर्थिक बहिष्कार तथा उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने आदेश जारी कर कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा था।
 
उज्जैन में जुर्माने का प्रावधान : इसके अलावा मध्य प्रदेश में भाजपा शासित उज्जैन नगर निगम ने दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने का शनिवार को निर्देश दिया था। उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि उल्लंघन करने वालों को पहली बार अपराध करने पर 2000 रुपए का जुर्माना और दूसरी बार उल्लंघन करने पर 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
 
महापौर ने कहा कि इस आदेश का उद्देश्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाना नहीं है। उज्जैन पवित्र महाकाल मंदिर के लिए जाना जाता है, जहां सावन महीने के दौरान दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं।
 
हिंदू कैलेंडर के सावन महीने की शुरुआत के साथ सोमवार को शुरू हुई कांवड़ यात्रा के लिए कई राज्यों में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सावन में लाखों शिव भक्त हरिद्वार में गंगा से पवित्र जल अपने घरों को ले जाते हैं और रास्ते में शिव मंदिरों में इसे चढ़ाते हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी