Congress on ban on electoral bond : सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है। लोकसभा चुनाव से पहले इस फैसले को मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद फैसला बेहद स्वागत योग्य है, यह नोट के मुकाबले वोट की स्थिति मजबूत करेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। भाजपा ने इलेक्टोरल बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।
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नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है।
भाजपा ने इलेक्टोरल बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।
आज इस बात पर मुहर लग गई है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 15, 2024
async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"> >सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह उम्मीद भी जताई कि उच्चतम न्यायालय इस बात पर भी ध्यान देगा कि चुनाव आयोग 'वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल' (VVPAT) के मुद्दे पर विपक्षी दलों से मिलने से लगातार इनकार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को सूचना का अधिकार कानून और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया है।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान का भी उल्लंघन माना है। लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोट पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा।'
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार 'चंदादाताओं' को विशेषाधिकार देते हुए अन्नदाताओं पर किसी भी तरह का अत्याचार कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराने का उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक एवं स्वागतयोग्य है। उन्होंने दावा किया कि चुनावी बॉन्ड ने भ्रष्टाचार को बढ़ाने का काम किया। इसने राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता को खत्म किया और सत्ताधारी पार्टी भाजपा को सीधे लाभ पहुंचाया।
गहलोत के मुताबिक कि मैंने बार-बार कहा कि चुनावी बॉन्ड आजाद भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। आज उच्चतम न्यायालय के फैसले ने यह साबित कर दिया है कि चुनावी बॉन्ड राजग सरकार का एक बड़ा घोटाला है।