तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2017 (12:51 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के निजी बैंक खातों से लेन-देन पर लगी रोक हटाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज करने के गुजरात  उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली तीस्ता, उनके पति और उनके 2 एनजीओ की याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिकाएं खारिज की जाती हैं।
 
सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और उनके 2 गैरसरकारी संगठनों- ‘सबरंग ट्रस्ट’ एवं ‘सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस’ ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए उनके एनजीओ को मिली राशि के कथित दुरुपयोग मामले में उच्च न्यायालय के 7 अक्टूबर 2015 के आदेश को चुनौती दी थी। न्यायालय ने इस साल 5 जुलाई को अपने फैसले को सुरक्षित रखा था।
 
इससे पहले शीर्ष अदालत ने सीतलवाड़ एवं अन्य के बैंक खातों में धन के स्रोत पर सवाल उठाया था। दुरुपयोग के आरोप सामने आने के बाद इन खातों से लेन-देन पर अहमदाबाद पुलिस ने वर्ष 2015 में रोक लगा दी थी।
 
गुलबर्ग सोसाइटी के एक निवासी फिरोज खान पठान ने सीतलवाड़ एवं अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 2002 गुजरात दंगों में मारे गए 69 लोगों की याद में गुलबर्ग सोसाइटी में स्मारक बनाने के लिए धन एकत्र किया गया था लेकिन इस राशि का इस्तेमाल इस मकसद के लिए नहीं हुआ।
 
गुलबर्ग सोसाइटी को स्मारक में बदलने के लिए एकत्र किए गए 1.51 करोड़ रुपए के गबन के मामले में अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने जांच आरंभ की थी जिसके बाद पुलिस ने खातों से लेन-देन पर रोक लगाई। इस मामले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा था कि गबन के इस कथित मामले में जांच गंभीर बिंदु पर है। (भाषा)

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