सुप्रीम कोर्ट ने दी महत्वपूर्ण व्यवस्था, डीएनडी फ्लाईवे टोलमुक्त बना रहेगा, लाखों लोगों को होगा फायदा
टोल शुल्क वसूली जारी रखने का कोई कारण : पीठ ने कहा कि (अब) उपभोक्ता या टोल शुल्क वसूली जारी रखने का कोई कारण नहीं है। हम मानते हैं कि (टोल संग्रह के लिए) समझौता अवैध है। उच्चतम न्यायालय ने निजी कंपनी एनटीबीसीएल को टोल संग्रह सौंपने के लिए नोएडा प्राधिकरण की खिंचाई की जबकि एनटीबीसीएल के पास पूर्व में टोल संग्रह का कोई अनुभव नहीं है।
अक्टूबर 2016 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि 9.2 किलोमीटर लंबे, 8 लेन वाले डीएनडी फ्लाईवे का इस्तेमाल करने वालों से अब से कोई टोल नहीं वसूला जाएगा। यह आदेश उच्च न्यायालय ने फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया था।
वर्ष 2012 में दायर जनहित याचिका में नोएडा टोल ब्रिज कंपनी द्वारा उपभोक्ता शुल्क के नाम पर टोल संग्रह और वसूली को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने 100 से अधिक पन्नों के फैसले में कहा था कि जो उपभोक्ता शुल्क लगाया जा रहा है/वसूला जा रहा है, वह कानूनी प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि निजी कंपनी को जो अधिकार दिया गया है, वह उत्तरप्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है।(भाषा)