नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) घोटाला मामले में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को दी गई जमानत रद्द करने से मंगलवार को इंकार कर दिया। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने हालांकि यादव से अधिक सतर्क रहने और शब्दों का चयन सोच-समझकर करने को कहा है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया था कि हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में यादव ने कानून की प्रक्रिया को उलटने का प्रयास किया और पूरी जांच के परिणाम को खारिज कर दिया। जांच एजेंसी ने दावा किया कि तेजस्वी ने उन्हें दी गई स्वतंत्रता का खुले तौर पर दुरुपयोग किया। वहीं यादव ने दलील दी कि उन्होंने पहले दी गई जमानत में निर्धारित किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है।
यादव के वकील ने अदालत से कहा कि मैं (यादव) विपक्ष में हूं और गलत काम पर सवाल उठाना मेरा कर्तव्य है। मौजूदा सरकार सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का दुरुपयोग कर रही है। सभी विपक्षी दलों को ऐसा लगता है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। हालांकि अदालत ने कहा कि विस्तृत आदेश बाद में पारित किया जाएगा।
अदालत ने यादव के उनके समक्ष पेश होने के बाद अक्टूबर 2018 में उन्हें मामले में जमानत दे दी थी। मामला आईआरसीटीसी के 2 होटल का संचालन ठेका एक निजी कंपनी को देने में कथित अनियमितता से जुड़ा है।