नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को उस समय सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली जब द्रमुक नेता टीआर बालू ने केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन पर निशाना साधते हुए कुछ टिप्पणी की।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि बालू ने मुरुगन के खिलाफ टिप्पणी करके पूरे दलित समाज का अपमान किया है। उन्होंने द्रमुक के वरिष्ठ नेता से माफी की मांग की।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान जब बालू तमिलनाडु में प्राकृतिक आपदा से नुकसान के संदर्भ में पूरक प्रश्न पूछ रहे थे तो मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री मुरगन ने उन्हें टोका। इसके बाद बालू ने पलटवार करते हुए उनके खिलाफ एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया। इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बालू एक वरिष्ठ सांसद हैं। उन्होंने एक एससी मंत्री के खिलाफ टिप्पणी की है। उनको माफी मांगनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा, 'बालू जी, आप इस तरह के शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। यह दलित समाज का अपमान है। आपको माफी मांगनी चाहिए।'
इसके बाद द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने प्रतिवाद किया और आरोप लगाया कि तमिलनाडु के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बालू ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ देर तीखी नोकझोंक चलती रही। हंगामा थमने पर बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
प्रश्नकाल के दौरान गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने द्रमुक और कांग्रेस सदस्यों के इन आरोपों को खारिज किया कि आपदा प्रबंधन और सहयोग के मामले में तमिलनाडु के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है... प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा सबके सहयोग की है।