श्रीनगर। राज्य में आने वाले अमरनाथ यात्रियों और वैष्णोदेवी तीर्थस्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। यह खतरा जम्मू कश्मीर पुलिस की उस चेतावनी से मंडराया है, जिसमें कहा गया है कि आतंकी पठानकोट-जम्मू नेशनल हाईवे पर और हमलों को अंजाम दे सकते हैं। हालांकि पुलिस की चेतावनी हाईवे पर पठानकोट से सटे कठुआ जिले के लिए है, पर इसने श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।
सुरक्षा का सवाल आने वाले टूरिस्टों के लिए भी अहम है। दोनों तीर्थस्थानों पर आने वाले श्रद्धालु इसी राजमार्ग और कठुआ तथा सांबा के कस्बों से होकर होकर गुजरते हैं और रेल की पटरी राजमार्ग से मात्र चार किमी और पाकिस्तानी सीमा से मात्र तीन किमी की दूरी पर है। जम्मू के सीमावर्ती जिलों में हाल के आतंकी हमलों को देखते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने सभी सीमावर्ती जिलों के स्कूलों को सलाह जारी कर सीसीटीवी कैमरा लगाने, दरवाजे और चाहरदीवारी का निर्माण कर सुरक्षा को पुख्ता करने का निर्देश दिया है।
पिछले चार सालों के दौरान सांबा, कठुआ और पठानकोट में नेशनल हाईवे से लगे महत्वपूर्ण रक्षा और पुलिस प्रतिष्ठानों पर कई आतंकी हमले हुए हैं। ताजा हमला सुंजवां का हमला है। जानकारी के लिए सुंजवां भी जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे पर स्थित है और इस रास्ते का इस्तेमाल वैष्णोदेवी जाने वाले श्रद्धालु तथा कश्मीर आने वाले टूरिस्ट करते हैं। याद रहे जम्मू से मात्र 80 किमी की दूरी पर स्थित कठुआ कस्बे में एक साल में तीन बार हुए आतंकी हमले के बाद अमन और शांति गायब है। कठुआ कस्बा सीमा को पार करने में कामयाब रहने वाले कश्मीरी तथा पंजाब के आतंकियों के लिए घुसपैठ करने व तस्करों के लिए आसान रूट भी रहा है।
इस नेशनल हाईवे पर जितने वाहन गुजरते हैं, उनमें 90 प्रतिशत वैष्णोदेवी व अमरनाथ यात्रा में शमिल होने वाले होते हैं। वे ही पर्यटकों के तौर पर जम्मू कश्मीर में घूमते भी हैं और यही आंकड़ा उन रेलों में सफर करने वाले लोगों का है जो पाक सीमा से सटकर गुजरती है। जम्मू सेक्टर में रेल पटरी कई स्थानों पर पाक सीमा के इतनी करीब है कि कोई भी घुसपैठिया सीमा पार कर पटरी पर विस्फोटक लगा वापस लौट सकता है।
कहने को सुरक्षा के प्रबंध इतने हैं कि चिड़िया भी पर नहीं मार सकती, पर आतंकियों की घुसपैठ और उनके हमले ने दावों की धज्जियां उड़ाई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस राजमार्ग का अधिकतर हिस्सा रेल पटरी की तरह सीमा से सटकर गुजरता है और इस पर सुरक्षा के प्रबंध सिर्फ अमरनाथ यात्रा के दौरान ही नजर आते हैं जबकि इस सच्चाई से मुंह अक्सर फेरा जाता है कि राजमार्ग और जम्मू आने वाली रेलों का इस्तेमाल 90 प्रतिशत वैष्णोदेवी के यात्री और टूरिस्ट करते हैं और अमरनाथ यात्री सिर्फ दो माह में आते हैं, जब यात्रा आरंभ होती है।
पुलिस अधिकारियों ने भी इसे माना है कि सेना की ओर से संदेशों के बाद उन्होंने वैष्णोदेवी यात्रा के सभी मार्गों पर सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने के अतिरिक्त गहन तलाशी अभियान आरंभ करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस कहती है कि उनकी खबरों के मुताबिक, लगातार तीन हमला करने वाले आतंकियों ने बिना हथियारों के घुसपैठ की थी और उन्हें गोला-बारूद यहीं पर मुहैया करवाया गया था। इस मामले में उनके कूरियरों की तलाश की जा रही है।