मुंबई। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बीफ फेस्टीवल आयोजन के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया और कहा कि यदि कोई चाहता है तो बीफ खा सकता है लेकिन इसके लिए कोई महोत्सव आयोजित करने की कोई जरूरत नहीं है।
नायडू ने कहा कि आप बीफ खाना चाहते हैं तो खाइये। महोत्सव क्यों? इसी तरह से चुंबन लेना चाहते हैं तो आपको यह करने के लिए कोई महोत्सव आयोजित करने या किसी की अनुमति लेने की क्यों जरूरत है।
उन्होंने यहां ‘आर ए पोदार कालेज आफ कॉमर्स’ के ‘प्लेटिनम जुबली’ समारोह में बोलते हुए संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाने वालों पर भी निशाना साधा। नायडू ने कहा कि कुछ लोग अफजल गुरु के नाम पर नारेबाजी कर रहे हैं। क्या हो रहा है? उसने हमारी संसद को उड़ाने का प्रयास किया।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2017 में आईआईटी मद्रास के छात्रों ने गोहत्या पर रोक के खिलाफ आईआईटी के परिसर में 'बीफ फेस्टीवल' आयोजित किया था। इसी तरह से इस महीने के शुरू में जम्मू कश्मीर में अफजल गुरु और जेकेएलएफ संस्थापक मकबूल भट की बरसी पर एक परामर्श जारी किया गया था।
भट और अफजल गुरु को क्रमश: 11 फरवरी 1984 और नौ फरवरी 2013 को फांसी देकर नई दिल्ली के तिहाड़ जेल के भीतर दफना दिया गया था। (भाषा)