गोरखपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शनिवार को कहा कि 680 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) के साथ भारत उन दिनों से बहुत आगे निकल आया है, जब उसे वित्तीय संकट से उबरने के लिए अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था। उपराष्ट्रपति ने शनिवार को गोरखपुर में उत्तरप्रदेश सैनिक स्कूल के उद्घाटन के दौरान यह टिप्पणी की।
सैनिक स्कूल का निर्माण 176 करोड़ रुपए की लागत से किया गया : 49 एकड़ क्षेत्र में फैले इस सैनिक स्कूल का निर्माण 176 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। उद्घाटन समारोह में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। धनखड़ ने कहा कि आज का भारत 10 साल पहले की तुलना में पूरी तरह से अलग तस्वीर पेश करता है। एक समय था, जब 'सोने की चिड़िया' कहलाने वाले भारत को विदेशी बैंकों में सोना गिरवी रखना पड़ता था। उस समय हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 1 से 2 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच था। आज यह करीब 680 अरब अमेरिकी डॉलर है। देखिए, हमने तब से कितनी प्रगति की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की : उपराष्ट्रपति ने इस बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धनखड़ ने कहा कि 1990 में जब मैं मंत्री की हैसियत से कश्मीर गया था, तब श्रीनगर की वीरान सड़कों ने मेरा स्वागत किया था। अब पिछले 2-3 वर्षों में कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है और 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर की यात्रा कर चुके हैं।
संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद-370 को अस्थायी बताया था : उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद-370 को अस्थायी बताया था, लेकिन कुछ लोगों ने गलती से इसे स्थायी मान लिया। आज के समय में ही अनुच्छेद-370 को हटाया गया। यह आज का भारत है। धनखड़ ने यह भी कहा कि अगर हम राष्ट्रवाद से समझौता करते हैं तो यह देश के साथ विश्वासघात होगा। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उन्हें यह समझाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे हवन में अपनी आहुति (योगदान) दें। समय आ गया है कि हमें देश के लिए जो करना चाहिए, हम वह करें। हम जितना भी करेंगे, वह कम होगा।
गोरखपुर में 'युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा' ध्येय से स्थापित सैनिक स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा के तहत शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। प्रवेश परीक्षा के जरिए कक्षा 6 और 9 में दाखिला होने के बाद इस स्कूल में 1ली जुलाई से पढ़ाई शुरू की जा चुकी है।
पहले चरण में इस स्कूल में कक्षा 6 और 9 में 84-84 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। इनमें 40 छात्राएं और 128 छात्र शामिल हैं। सैनिक स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग परिसर है। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं परंपरा का दर्शन कराता है। धनखड़ ने गोरखपुर में विश्वप्रसिद्ध गीता प्रेस की भी सराहना की।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)