वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भाजपा ने कमर कस ली है। भाजपा ने मंगलवार को ही व्हिप जारी कर दिया है और अपने सभी सांसदों से लोकसभा में मौजूद रहने को कहा है। व्हिप में कहा गया कि बुधवार को सदन में अतिमहत्वपूर्ण विधायी कार्य है।
क्या कहा गया व्हिप
व्हिप में सभी सांसदों से पूरे दिन सदन में ही मौजूद रहने को कहा गया है। हालांकि कुछ विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। भाजपा के पास लोकसभा में 240 सांसद ही हैं। सरकार जेडीयू और टीडीपी पर निर्भर है। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आर ने खुलकर समर्थन नहीं किया है, लेकिन विपक्ष को मुसलमानों को डराने से बचने की नसीहत दी है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी। इस मुद्दे पर बीएसी बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विपक्षी दलों के नेता बैठक छोड़कर बाहर आ गए। हालांकि बाद में रीजिजू ने संसद परिसर में मीडिया से कहा कि कुछ दल चार से छह घंटे की चर्चा चाहते थे, विपक्ष 12 घंटे की चर्चा कराने पर अड़ा रहा।
8 घंटे होगी चर्चा
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया है कि सरकार को अपने सहयोगी दलों के अलावा विपक्ष के भी कुछ सांसदों का समर्थन हासिल है। मीडिया खबरों के मुताबिक विधेयक पर सदन में 8 घंटे की प्रस्तावित चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू जवाब देंगे। विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी लेंगे। बहस के बाद मीटिंग छोड़ आए विपक्ष के नेताकार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की, जबकि सरकार ने कम समय रखने पर जोर दिया ताकि अन्य विधायी कामकाज निपटाया जा सके।
रीजिजू ने इस बात पर हैरानी जताई कि विपक्ष ने बीएसी की बैठक से वॉकआउट क्यों किया? रीजिजू ने कहा कि वे बुधवार को 12 बजे निचले सदन में प्रश्नकाल समाप्त होते ही विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखेंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए दावा किया कि कुछ दल चर्चा से बचने के लिए बहाने बना रहे हैं। Edited by: Sudhir Sharma