तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव कराने पर शुक्रवार को सवाल उठाया, जबकि भाजपा ने चुनाव आयोग के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि शांतिपूर्ण चुनावों के लिए असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
चुनाव आयोग ने घोषणा की कि 4 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के लिए विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग 27 मार्च को शुरू होगी और 29 अप्रैल तक चलेगी जबकि वोटों की गिनती 2 मई को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 2016 की तुलना में इस बार एक चरण अधिक होगा।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव कार्यक्रम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग से विनम्रता से कहना चाहती हूं कि सवाल उठ रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में इतने चरणों में चुनाव क्यों हो रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में एक चरण में चुनाव होने जा रहा है। अगर चुनाव आयोग लोगों से न्याय नहीं करेगा तो लोग कहां जाएंगे।
करवाया यज्ञ-अनुष्ठान : शुक्रवार को दक्षिण कोलकाता में कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर एक पूजा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अनुष्ठान किया, जो पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के जगन्नाथ स्वैन महापात्र ने कराया। महापात्र भगवान जगन्नाथ के 'बड़ाग्राही' या अंगरक्षक होते हैं जब देवता को रथयात्रा के लिए मंदिर से बाहर ले जाया जाता है। पुरी के पुजारियों का एक समूह पूजा कराने के लिए कोलकाता आया था।
पुजारियों ने यज्ञ कराया। मुख्यमंत्री ने भी अनुष्ठान में भाग लिया। महापात्र ने कहा कि मैं लंबे समय से मुख्यमंत्री आवास पर पूजा करा रहा हूं। यह उनके घर पर एक वार्षिक अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने चुनावों के दौरान बंगाल में शांति के लिए प्रार्थना की। मैंने उन्हें विजयभव का आशीर्वाद दिया है। प्रभु उन्हें जीवन में और चुनाव में भी आशीर्वाद देंगे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होंगे जबकि असम में तीन चरणों में 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को चुनाव होंगे। केरल और तमिलनाडु में चुनाव एक चरण में 6 अप्रैल को होंगे।