Dry ICE used as mouth freshner : ग्रेटर नोएडा के एक परिवार को गुरुग्राम के एक नामी रेस्टोरेंट में खाना महंगा पड़ गया। खाने के बाद उन्हें माउथफ्रेशनर की जगह ड्राई आइस दे दिया गया। इसे खाते ही 5 लोगों की तबियत बिगड़ गई। उन्हें खून की उल्टियां होने लगी।
इसके बाद सभी तुरंत अस्पताल पहुंचे। जहां 4 लोगों को ICU में भर्ती कराया गया है। 1 की इलाज के बाद छुट्टी कर दी गई।
इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताया कि इन लोगों ने जो चीज खाई थी वो दरअसल ड्राई आइस है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के लिए ड्राई आईस का सैंपल ले लिया है।
इधर रेस्टोरेंट के मालिक गगन शर्मा का कहना है कि उनके होटल में ड्राई आइस रखी ही नहीं जाती है। उन्होंने कहा कि कोई उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा देने की बात भी कही।
क्या होती है ड्राई आइस : ड्राई आइस कार्बन डाइऑक्साइड गैस का ठंडा और संघनित रूप है। इसका इस्तेमाल कम तापमान पर फूड की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए किया जाता है। खाद्य पदार्थों को ठंडा रखने के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जाता है। इसकी सतह का तापमान माइनस 80 डिग्री तक होता है। यह ज्यादा तापमान में आने पर पिघलने की बजाय धुआं बनकर उड़ने लगती है।
क्यों होती है खतरनाक? इसमें कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस होती है। यह काफी ज्यादा ठंडी होती है, इस वजह से इससे शरीर की कोशिकाएं मरने लगती है। ऐसे में इसे सीधे छूने के लिए मना किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसे इस्तेमाल करते समय हाथ में दस्ताने पहनना चाहिए।
माउथ फ्रेशनर से क्या होता है? अकसर लोग रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद माउथफ्रेशनर का इस्तेमाल करते हैं। चुटकी भर माउथ फ्रेशनर खाने से सिर्फ मुंह की बदबू ही दूर नहीं होती बल्कि डाइजेशन भी ठीक रहता है। इनमें मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स और भी कई बीमारियों में फायदेमंद है।