जीवन की सारी व्यवस्था सारे अर्थ मानव ने बदल डाले दिशाएँ गुहार करती रहीं भगवान बने मानव ने सबकुछ नष्ट कर डाले।
हरियाली किसे कहते हैं इस प्रश्न का समाधान मुश्किल हुआ उदाहरण की जगह ऊँची-ऊँची इमारतें हैं और दिल-दिमाग को झुलसाती गर्मी कृत्रिम शीतल हवाओं ने खुली हवाओं को जहरीला बना डाला।
हाय ये मानव तुमने अपनी खोज की धुन में मासूम कहानियों के रिश्ते को बेरहमी से मिटा डाला चंदामामा की फोटो ले वहाँ भी अपने किले बनाने का मार्ग प्रशस्त कर डाला नन्हें-नन्हें सपनों को अर्थहीन बना नन्हें-नन्हें हाथों में विज्ञान, अनुसंधान का सत्य दे दिया।
नन्हें कदम अब मिट्टी का मोल नहीं जानते विज्ञान का खेल खेलते हैं कागज़ की नाव नहीं बनाते पूरा वक्त कम्प्यूटर के संग बिता एक आँख पर दूसरी आँख चढ़ा लेते हैं कौन किससे करे गिला? अब तो बस यही सत्य रहा साबुत बचा न कोय !