ब्रिटेन में भारतीय छात्रों का बेहतर प्रदर्शन

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ब्रिटेन के स्कूलों में भारतीय छात्रों का प्रदर्शन ब्रिटिश छात्रों की तुलना में बेहतर है। यहाँ तक कि अँगरेजी भाषा में उनका मुकाबला नहीं है। बाल, स्कूल व परिवार कल्याण विभाग के आँकड़ों के अनुसार हरेक स्कूल में भारतीय और चीन के छात्र माध्यमिक परीक्षाओं में उच्च श्रेणी लाते हैं। पिछले साल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ स्कूल एजुकेशन परीक्षा में 31 प्रतिशत भारतीय और 55 प्रतिशत चीनी छात्रों ने 'ए' श्रेणी हासिल की थी। ब्रिटिश छात्रों में यह प्रश केवल 16 था, जबकि 14 प्रश अफ्रीकी, 13 प्रश पाकिस्तानी व 8 प्रश कैरिबियाई छात्रों ने 'ए' श्रेणी हासिल की थी।

प्रमुख अखबार 'डेली मेल' के अनुसार आँकड़े यह भी बताते हैं कि गणित विषय में अव्वल रहने वाले भारतीय और चीनी छात्रों ने अँगरेजी में भी बाजी मार ली। अँगरेजी में 29 प्रश चीनी व 21 प्रश भारतीय छात्रों ने 'ए' श्रेणी प्राप्त की, जबकि इसमें केवल 15 प्रश ब्रिटिश छात्र ही 'ए' श्रेणी हासिल कर सके। इसी तरह भूगोल, इतिहास, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, भौतिकी, फ्रेंच व धार्मिक शिक्षा जैसे विषयों में भी भारतीय व ब्रिटिश छात्रों के बीच स्पष्ट अंतर नजर आया।

ब्रिस्टॉल यूनिवर्सिटी की अनुसंधानकर्ता डॉ. डेबोराह विल्सन ने कहा कि आव्रजक समुदायों में जीवन के प्रति आकांक्षाएँ ऊँची होती हैं। वे अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा हासिल करना चाहते हैं। चूँकि योग्यता सामाजिक प्रगति से जुड़ी है इसलिए शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है।

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