एक वर्ष पड़ने वाले साढ़े तीन शुभ मुहूर्त में अक्षय तृतीया का मुहूर्त गिना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन चारों धामों में से एक बद्रीनाथ के पट खोले जाते हैं तथा इस दिन बद्रीनाथ को अक्षय चावल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। वहीं दान-पुण्य का भी बहुत महत्व है। इस दिन जप, दान, होम तथा पितरों का श्राद्ध करने से अक्षय पुण्य फल प्राप्त होता है।