गुरु प्रदोष व्रत का महत्व: यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस को करने से सभी प्रकार के कष्टों और दुखों का निवारण होता है। यह व्रत बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि प्रदान करता है तथा संतान प्राप्ति के लिए भी फलदायी माना जाता है।
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
शिव जी को जल, दूध, दही, शहद, घी, फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
दिन भर उपवास रखें और शाम को भगवान शिव की आरती करने के बाद फलाहार करें।
व्रत के दौरान तामसिक भोजन का सेवन न करें तथा नशे से दूर रहें।
अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।