शनि त्रयोदशी पर शनि दोष से मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए?

WD Feature Desk

शनिवार, 4 जनवरी 2025 (16:21 IST)
Shani Pradosh Vrat 2025: इस बार 11 जनवरी 2025, दिन शनिवार को शनि त्रयोदशी मनाई जा रही है। इस दिन पौष प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है। शनि त्रयोदशी एक विशेष दिन है, जब त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन आती है। इसे शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शनि देव को न्याय के देवता कहा जाता है और वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं।
 
शनि त्रयोदशी पर क्या करें:-
1. हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार शनि प्रदोष या शनि त्रयोदशी के दिन व्रत करने से शनि संबंधी समस्त दोष दूर हो जाते हैं।
2. इस दिन शनिदेव की शांति तथा संतान प्राप्ति के लिए भी शनि त्रयोदशी का व्रत किया जाता है। 
3. साथ ही इस दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु प्रदोष व्रत रखकर शनिदेव के साथ-साथ भोलेनाथ का व्रत-पूजन करने से शिव जी खुश होकर सभी सांसारिक सुख तथा पुत्र प्राप्ति का वरदान भी देते हैं।
 
शनि त्रयोदशी पर शनि दोष से मुक्ति के उपाय:-
1. शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव जी का भस्म व तिलाभिषेक करना लाभदायी रहता है। अत: शनि प्रदोष पर पार्थिव शिवलिंग का तिल के तेल से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। साथ ही शनिदेव का भी तिल और सरसों के तेल से अभिषेक किया जाता है।
 
2. इस दिन शनिदेव को खुश करने के लिए स्नान तथा ध्यान के पश्चात गंगा जल में काले तिल मिलाकर पीपल वृक्ष में अर्घ्य देना चाहिए तथा उसी समय पीपल के पेड़ की 3 परिक्रमा करके कम से कम 5 बार उठक-बैठक करना चाहिए। 
 
3. यदि आपको करियर या बिजनेस में सफलता नहीं मिल रही है, आर्थिक स्थिति बिगड़ रही हो या पारिवारिक रिश्तों में निरंतर अनबन चल रही हो और यदि आप जीवन में शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो शनिवार के दिन शनिदेव, शिव जी तथा हनुमान जी की विधिवत पूजा करके उनके चालीसा का पाठ करते हैं तो इससे कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है तथा शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा में निजात मिलती है। 
 
4. इस दिन शनि चालीसा, दशरथकृत शनि स्तोत्र, शिव चालीसा आदि पाठ करने के साथ ही इनके मंत्रों के जाप करने से शनि दोष के अशुभ प्रभाव से मिलने वाले बुरे फलों में कमी आती है तथा जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। व्रतधारी को कम से कम यह पाठ  ग्यारह बार अवश्य करना चाहिए। ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
 
5. शनि त्रयोदशी व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम कहा गया है। इसीलिए व्रतधारी को शनि प्रदोष के दिन प्रात: में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करके फिर शनिदेव का पूजन करना चाहिए। तथा इस दिन भगवान भोलेनाथ को शकर का भोग अर्पित करना चाहिए।
 
6. शनि देव की मूर्ति या चित्र पर सरसों का तेल, नीला फूल, और काले तिल अर्पित करें। काले तिल, सरसों का तेल, उड़द दाल, लोहे की वस्तु, कंबल और जूते-चप्पल का दान करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं।
 
7. शनिदोष से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव की पीड़ा कम होती है। सूर्यास्त के समय सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि देव को अर्पित करें।
 
8. कर्म रखें सही: शनि दोष से मुक्ति का अचूक उपाय यह है कि गलत और अनैतिक कार्यों से बचें। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें। किसी का अपमान न करें। झूठ न बोलें। काले रंग के कपड़े न पहनें। नशा और मांसाहार से दूर रहें। शनि त्रयोदशी पर पूजा, दान, और साधना करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं। इस दिन सकारात्मक कर्म, विनम्रता और सेवा भाव अपनाना चाहिए।
 
 

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