नई दिल्ली। सरकार संयुक्त सचिव पद पर विशेषज्ञों की सीधी नियुक्ति में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं करेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि एकल पद संवर्ग में विशेषज्ञों की नियुक्ति में आरक्षण को लागू करना कठिन होगा।
विशेषज्ञों की नियुक्ति का प्रस्ताव वर्ष 2008 में आया था और वर्ष 2011 में प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी स्वीकृति दी थी। सरकार ने 10 प्रतिशत संयुक्त सचिव पद पर विशेषज्ञों को संघ लोकसेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त करने का निर्णय किया था।
उन्होंने कहा कि इस पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन दिया गया था और 6 से 7 हजार लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 9 लोगों का चयन किया गया था जिनमें से एक व्यक्ति ने ज्वाइन नहीं किया। 8 लोगों को संविदा के आधार पर प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी है और सरकार इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करती है।