Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने और भारी भीड़ से निपटने के लिए रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के वास्ते कई नई व्यवस्थाएं की हैं। कई क्षेत्रों में व्यापक जाम और अन्य परेशानियों के बावजूद महाकुंभ नगर तथा वाराणसी में लोगों के पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। महाकुंभ में स्नान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी और अयोध्या में दर्शन करने के लिए कूच कर रहे हैं। इससे इन दोनों नगरों की भी यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार के मुताबिक, महाकुंभ में प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ लोग स्नान कर रहे हैं।
प्रयागराज के सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात) शैलेंद्र सिंह ने बताया कि महाकुंभ मेले से निकलने वाली ज्यादातर भीड़ काशी और अयोध्या वाले मार्ग की ओर जा रही है। सरकार के मुताबिक, महाकुंभ में प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ लोग स्नान कर रहे हैं।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रयागराज स्टेशन के बाहर मौजूद भारी भीड़ की वजह से स्टेशन से बाहर निकलने वाले श्रद्धालुओं को हो रही असुविधा के चलते उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का प्रयागराज संगम स्टेशन 9 फरवरी को अपराह्न 1:30 बजे से 14 फरवरी के रात्रि 12:00 बजे तक यात्री आवागमन के लिए अस्थाई तौर पर बंद किया गया है। महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले अन्य आठ स्टेशनों से हालांकि नियमित और स्पेशल ट्रेनों का परिचालन सामान्य रूप से हो रहा है।
प्रयागराज के अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) कुलदीप सिंह ने बताया कि पिछले (2019) कुंभ में इतनी भीड़ नहीं आई थी खासकर सामान्य दिनों में, लेकिन इस बार सामान्य दिनों में इतनी अधिक भीड़ आ रही है जिससे यातायात जाम की स्थिति बनी है।
संगम में डुबकी लगाने बेटे के साथ रांची से सोमवार को प्रयागराज पहुंचीं डॉक्टर सुषमा ने बताया, संगम में स्नान करने और मेला घूमने के बाद हम काशी जाकर भगवान भोले बाबा के दर्शन करेंगे और इसके बाद हमारी योजना अयोध्या जाने की है। इस बीच, अयोध्या से प्राप्त खबरों के मुताबिक प्रयागराज महाकुंभ से स्नान करने के बाद लाखों श्रद्धालुओं का रेला अयोध्या की तरफ बढ़ रहा है। जबरदस्त भीड़ की वजह से अयोध्या की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर कई किलोमीटर तक जाम है।
अयोध्या को जोड़ने वाले छह राष्ट्रीय राजमार्गों पर विभिन्न बैरिकेडिंग पर तैनात अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ, सुलतानपुर, रायबरेली, गोरखपुर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ से अयोध्या की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। यहां तक कि दो पहिया वाहन भी रेंगते दिख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अयोध्या शहर से लगभग 20 किलोमीटर पहले ही यातायात को मजबूरन प्रतिबंधित कर दिया गया है। अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य वीएन अरोड़ा ने बताया, मुझे लखनऊ से फैजाबाद पहुंचने में लगभग आठ घंटे लगे।
अयोध्या नगर के रायगंज क्षेत्र निवासी जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि अयोध्या में उमड़ रही भीड़ की वजह से स्थानीय निवासियों के साथ-साथ स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चों की शिक्षण गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। स्कूल बसें, ई-बसें और ऑटो नहीं चलने के कारण अयोध्या नगर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं 45 दिनों से स्कूल-कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं। अयोध्या के पुलिस क्षेत्राधिकारी आशुतोष तिवारी ने बताया कि भीड़ कम होने पर ही व्यवस्था सामान्य हो पाएगी।
वाराणसी से मिली खबर के अनुसार काशी में बड़े पैमाने पर आ रही भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा शहर में कई जगह चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। बाहरी वाहनों को वाराणसी के बाहर ही रोक दिया जा रहा। पुलिस उपायुक्त (काशी जोन) गौरव बंसवाल ने बताया, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई मार्गों पर चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से भीड भाड़ वाले स्थानों पर नजर रखी जा रही है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं के हुजूम को देखते हुए कई जगह मार्ग परिवर्तन किया गया है। वाराणसी में भारी भीड़ के बावजूद वहां जाने को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं हो रहा। मुंबई से महाकुंभ में आए निशांत अभिषेक ने कहा, सुनने में आया है कि प्रयागराज के अलावा काशी और अयोध्या में भी भारी भीड़ है। इसके बावजूद हम आज काशी के लिए निकल रहे हैं। हम अयोध्या जी भी जाएंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार प्रतिदिन करीब चार से छह लाख भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, नौ फरवरी तक प्रयागराज महाकुंभ में 43.57 करोड़ से अधिक लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं। 10 फरवरी को सुबह 10 बजे तक 63 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour